मन्दस्पष्ट सूर्य साधन

भुजज्या = गतज्यापिण्ड + (शेष X गतगम्यन्तर / 225)
+ ( X / 225 )
अन्तरांश = भुजज्या X परिध्यंश अंतर / 3438
X / 3438
स्पष्टपरिधि = मन्दपरिधि - अन्तरांश
-
भुजज्याफल = भुजज्या X स्पष्टपरिधि / 360
X / 360
चाप=पिण्ड संख्याX225+(ज्या-गतपिण्ड)X225/गतगम्यन्तर
X 225 + [( - ) X 225 / ]
कलादि
अंशादि
मन्दस्पष्ट सूर्य = मध्यम सूर्य +/- मन्दफल
         +
मन्दकेन्द्र तुलादि में होने पर मन्दफल ऋण, मेषादि में धन
राश्यादि
गति साधन

केन्द्रगति = मध्यम गति X ज्यागतगम्यन्तर / 225
X / 225
कलादिफ्ल = केन्द्रगति X स्पष्टपरिधि / 360
X / 360
मन्दकेन्द्र गतिदिशा कर्कादि हो तो फल धन, मकरादि में ऋण
मन्दस्पष्ट गति = मध्यम गति +/- गतिमन्दफल
  -
कलादि

कलादि
   
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